
तांडव सेना
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जो भी व्यक्ति और व्यक्ति ओंका समूह सनातन धर्म के लोगों के ऊपर
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पथराव करे, घर जलाने आए,
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या बहु बेटियोंकि इज्जत लूटने आए,
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आतंक वाद फैलाने आए,
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जबरन धर्म परिवर्तन करने आए,
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गला काटने आए ,सर तन से जुड़ा, करने आए अधार्मिक वृति के आतंकी योंको, पुलिस की और प्रशासन की मदद से पूर्ण रूप मे खतम करने के लिए तांडव सेना का निर्माण हुआ है ।
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हिंसा को आती हिंसा से ही जीता जाता है। ऐसा हर एक देश की सैन के प्रशिक्षण मे सिखाया जाता है ।
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अच्छे के साथ 10 गुना अच्छा करे । बुरे के साथ 10 गुण बुरा करना यही धर्म है ।
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जो सनातनी साधु संत प्रेम शांति से राक्षसी वृति के लोगों को सुधारने की सलाह देते है, वह सनातन को नपुंसक बनाने का काम कर रहे है । ऐसे साधु संन्यासी को पाकिस्तान और बांगलादेश भेज दे । यह समाज प्रभोधन का काम तांडव सेना करेगी ।
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'शास्त्र' के साथ स्व-सुरक्षा हेतु 'शस्त्र' कितने महत्व पूर्ण रहते है यह समाज को बताना ।
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संविधान और कायदा कानून का पालन करते हुऍ समाज को आत्म सुरक्षा के लिए मुफ़्त मे शस्त्र प्रशिक्षण training देना यह उद्देश है ।
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सनातनी धर्म के किसी भी व्यक्ति का नरसंहार न हो इसलिए अहोरात प्रयास करना ।
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अफगानीस्थान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, कश्मीर, केरल और पच्छिम बंगाल जैसे गृह युद्ध की स्तिथि निर्माण हो जाए तो अपने परिवार को कैसे बचाना है, भागने से अच्छा 'इस्राइल' जैसे जीतने के लिए कैसे लड़ना इसका प्रशिक्षण देना यह मूल उद्देश रहेगा ।
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तांडव सेना के हर एक उद्देश की पूर्ति, भारत के संविधान और कायदा कानून को मानकर और सूक्ष्म रूप से समजकर की जाएगी ।